UP Teacher Big News: शिक्षकों पर एक के बाद एक नई मुसीबतें आती जा रही हैं और ऐसा लगता है मानो मुसीबत का पहाड़ ही आप पड़ा है क्योंकि पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ करा था की नौकरी में टिके रहना है तो हर साल शिक्षकों का टीईटी पास करना अनिवार्य होगा और इस फैसले से लाखों शिक्षक परेशान थे और अब इन शिक्षकों के गले एक और नया पता पड़ी है बताने कोर्ट ने आदेश दिए हैं जिसमें पुराने प्रमोशन को भी रद्द किया जा रहा है अब हर शिक्षक के सामने दो मुसीबतें आप पड़ी हैं और सभी शिक्षक लगातार यही विचार में है कि अपनी नौकरी और प्रमोशन को कैसे बचाया जाए।
शिक्षकों में प्रमोशन छीनने का डर
बुलंदशहर से शुरू हुआ यह मामला पूरे प्रदेश के अध्यापकों के लिए एक बड़ा जनता का कारण बन चुका है बता दे यहां पर 111 शिक्षकों की प्रमोशन सूची अचानक रद्द कर दी गई है तथा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नियम के खिलाफ दिए जा रहे प्रमोशन को रद्द किया जाएगा और इन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी और जितने भी शिक्षक ऐसे थे जिन्होंने प्रमोशन पाने के लिए 10 साल तक मेहनत करी वह इस मात्र एक आदेश के चलते निराश हो रहे हैं और उनका प्रमोशन चलने का झटका सहने के काबिल नहीं है।
टेट और प्रमोशन का आया दोगुना खतरा
पहले ही टेट अनिवार्यता के फैसले ने ही शिक्षकों की नौकरी पर आज ला दी थी और यह खतरा थल नहीं था उससे पहले ही प्रमोशन की मान्यता करने पर सवाल उठने लगे है की एक तरफ टेट पास करना जरूरी हो गया है वहीं दूसरी तरफ अब प्रमोशन चीन का डर भी लगातार बना हुआ है ऐसे हालातो में शिक्षकों की चिंता काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।
हजारों शिक्षकों के उड़े होश
2011 और उसके बाद चयनित हुए शिक्षकों को बिना जरूरी योग्यताएं पूरा किया ही प्रमोशन दे दिया गया था परंतु अब अदालत के द्वारा जारी किए गए नए आदेश के अनुसार उनकी मान्यता रद्द करी जा सकती है और इस फैसले के अंदर हजारों शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं और अगर बड़े स्तर पर यह प्रक्रिया चलाई गई तो काफी ज्यादा प्रमोशन रद्द कर दिए जाएंगे और यह झटका शिक्षक को झेलना काफी मुश्किल पड़ेगा।
शिक्षक संगठन ऑन का गुस्सा, सरकार की सफाई
शिक्षक संगठनों ने इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाई है और उनका मानना है कि सरकार बार-बार शिक्षकों को परेशान कर रही है पहले टेट का बोझ डाला गया और उसके बाद प्रमोशन जीने की कोशिश की जा रही है और उनका कहना है कि अगर यह सिलसिला आगे बढ़ता है तो एक बड़ा आंदोलन हो सकता है इस मामले पर सरकार ने सफाई दी है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान किया जाएगा और साथ ही शिक्षकों के हित में रक्षा भी की जाएगी और इसी के चलते एक नया रास्ता खोजा जाएगा और भाई जिन शिक्षकों की सेवा खत्म होने में 5 साल या उससे कम समय बचा है उन्हें टीईटी से राहत प्रदान की जाएगी।
क्या रहेगी आगे की प्रक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषण का कहना है कि शिक्षकों के लिए आने वाला समय काफी कठिन होने वाला है अब सिर्फ टेट पास करना ही नहीं बल्कि प्रमोशन बचना भी एक बड़ी चुनौती बन चुकी है और शिक्षकों पर दोहरी मार पड़ रही है।