UP Special Teacher News: उत्तर प्रदेश राज्य में प्राथमिक स्कूलों के अंदर विशेष शिक्षकों को रखने के लिए तैनाती का रास्ता अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरी तरह से साफ हो गया है बता दें सुप्रीम कोर्ट के इस नए आदेश के बाद सरकार द्वारा बड़ा कदम लिया गया है और अब दिव्यांग बच्चों के लिए बड़ी राहत प्रदान की गई है बताने राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में तकरीबन 5352 नियमित विशेष शिक्षकों को तैनात करने के लिए बड़ा फैसला लिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त आदेश देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उसे आदेश का पालन करने का निर्णय लेते हुए विशेष शिक्षकों की तरह थी करने का फैसला लिया है अब सरकार पूरे 80 हजार दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए यह नए विशेष शिक्षकों की तैनाती करेगी।
यूपी सरकार का बड़ा कदम सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए सुनहरा मौका सामने आया है क्योंकि अब राज्य के अंदर जितने भी स्थिति है स्कूल हैं उनमें तकरीबन 5352 विशेष शिक्षकों की तैनाती की जाएगी यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिया गया है जिसके बाद सरकार ने भीम शुरू कर दी है यह आदेश कोर्ट द्वारा 7 मार्च को दिया गया था जिसमें दिव्यांग बच्चों की परेशानियों को देखते हुए उनके हित में फैसला लिया और उनका कहना था कि दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति काफी ज्यादा जरूरी है और इसी को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इसकी तैयारी शुरू पूरी तरह से कर दी है।
वर्तमान समय तक संविदा पर पड़ा रहे थे शिक्षक
0 अभी वर्तमान की बात करें तो उत्तर प्रदेश के स्कूलों में तकरीबन 2200 संविदा विशेष शिक्षक इन विकलांग बच्चों को पढ़ा रहे हैं लेकिन यह संख्या काफी ज्यादा काम है क्योंकि बच्चों की संख्या इससे क्या भी ज्यादा अधिक है और इसी को देखते हुए अब 5352 पदों पर यह नए विशेष शिक्षक तैनात किए जाएंगे जिससे विकलांग बच्चों को पढ़ने में काफी ज्यादा आसानी होगी इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम आदेश देते हुए फैसला सुनाया है और इसके बाद सरकार ने संविदा शिक्षक की तैनाती शुरू कर दी है।
बच्चों की जरूरत के अनुसार शिक्षकों की होगी तैनाती
बेसिक शिक्षा विभाग के अंदर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 5 तक आने वाले हर 10 दिव्यांग बच्चों पर एक शिक्षक रखने का लक्ष्य रखा गया है और कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के 15 बच्चों पर एक शिक्षक रखने का लक्ष्य है और इसी को पूरा करने के लिए अब नहीं भीम की शुरुआत की गई है अभी है नई शिक्षक बच्चों की व्यक्तिगत देखभाल करेंगे साथ ही साथ शिक्षा भी प्रदान करेंगे बताने अभी तक संविदा शिक्षकों के सहारे ही दिव्यांग बच्चों को उच्च शिक्षा मिल पाएगी।
भेजा गया है प्रस्ताव, मंजरी जल्द।
विशेष नियमित शिक्षकों की तनाती को लेकर विभाग ने इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है और अब उच्च स्तर पर मंजूरी प्राप्त होते ही नियमित शिक्षकों को रखने की प्रक्रिया पूरी तरह से शुरू कर दी जाएगी और दिव्यांग बच्चों को पढ़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो प्राथमिक स्तर के लिए डीएलएड तथा जूनियर स्तर के लिए बीएड अभ्यर्थी इस प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगे।