यूपी में संविदा शिक्षकों का होगा समायोजन, साथ विशेष शिक्षकों की नियुक्ति भी, सुप्रीम कोर्ट का आदेश UP Contract Teachers Regularization

UP Contract Teachers Regularization: उत्तर प्रदेश राज्य के अधीन चलने वाले बेसिक शिक्षा विभाग से बड़ी खबर सामने आ रही है बात दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब विशेष शिक्षकों से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है इस क्रम में पूरे प्रदेश भर में 5352 पदों पर प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, लेकिन उससे पहले संविदा पर काम करने बाले पुराने पात्र शिक्षकों को समायोजित किया जाएगा और यह आदेश जारी किया जा चुका है इसके बाद ही बाकी बचे पदों पर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

इन 2200 संविदा शिक्षकों को राहत

अभी के समय में यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में करीब 2200 विशेष संविदा शिक्षक लगातार काम कर रहे हैं और इनकी सेवाओं का हर साल नवीनीकरण भी किया जाता है परंतु अब सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में यह साफ लिखा गया है कि पहले इन ही कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा इससे हजारों संविदा शिक्षकों को लंबे समय से मिल रही असुरक्षा पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और इससे वह अपने काम में भी मन लगा सकेंगे साथ ही भविष्य की चिंता से भी मुक्त हो पाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट से आया अहम आदेश

7 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने रजनीश कुमार पांडे बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में बड़ा आदेश दिया था कि संविदा पर तैनात सभी पात्र विशेष शिक्षकों को पहले समायोजित किया जाए और बाकी की प्रकिरिया बाद में पूरी की जाए इसी आदेश के आधार पर विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है और इसपर करवाई हो रही है।

पहले समायोजन, फिर होगी आगे की बची प्रक्रिया

शासन को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक 2200 संविदा विशेष शिक्षकों को समायोजित करने के बाद बाकी बचे पदों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी इसका मतलब साफ है कि संविदा शिक्षकों के लिए रेगुलर बनने का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है  वहीं खाली पदों से नए लोगों को भी अब मौका मिलेगा।

विशेष शिक्षकों से दिव्यांग बच्चों को होगा फायदा

उत्तर प्रदेश के विद्यालयों में लाखों दिव्यांग बच्चे पढ़ रहे है और इनकी शिक्षा के लिए ही विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है अब 5000 से अधिक संविदा शिक्षकों के बजाय रेगुलर शिक्षक मिलेंगे जिससे बच्चों की पढ़ाई और शिक्षा व्यवस्था काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगी और इस बड़े फैसले से संविदा शिक्षकों को जहां एक तरफ राहत मिली है वहीं नए अवसर का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए भी अब कहीं न कहीं उम्मीद की किरण जग गयी है।

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