सरकार का तोहफा! कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी 8th Pay Commision News

8th Pay Commision News: केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर दिया है और इस फैसले से देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारी तथा पेंशनर सीधे लाभान्वित होंगे आमतौर पर हर 10 साल पर नया वेतन आयोग बनाया जाता है और इसके बनने से वेतन और पेंशन में बड़े बदलाव होते हैं फिलहाल सभी केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और पेंशन प्राप्त कर रहे हैं जिसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था अब नया आयोग अपनी सिफारिशें देगा जिन्हें 1 जनवरी 2026 से लागू करने की तैयारी है अनुमान है कि इस बार सैलरी बढ़ने के साथ न्यूनतम बेसिक पेंशन भी 9000 रुपये से बढ़कर 25000 रुपये प्रतिमाह हो सकती है।

वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी ?

8वें वेतन आयोग की सबसे अहम बात फिटमेंट फैक्टर है यह एक तरह का गुणक है जिसके आधार पर वेतन और पेंशन बढ़ाई जाती है अगर किसी की मौजूदा पेंशन 30000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.5 गुना तय किया जाता है तो नई पेंशन 75000 हजार रुपये तक पहुंच सकती है इसी तरह न्यूनतम पेंशन जो अभी 9000 रुपये है वह बढ़कर 22500 से 25000 रुपये के बीच हो सकती है अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार वेतन और पेंशन में लगभग 25 से 30% तक की औसत बढ़ोतरी देखने को मिलेगी इसके साथ ही महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों में भी इजाफा होगा फिलहाल 7वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ता 25 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जिसकी वजह से लंबे समय से सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव की जरूरत महसूस हो रही थी नए आयोग के लागू होने के बाद महंगाई भत्ते की गणना भी नई बेसिक सैलरी पर की जाएगी जिससे आने वाले समय में हर बढ़ोतरी का असर और ज्यादा देखने को मिलेगा।

पेंशनरों को क्या लाभ मिलेगा?

पेंशनरों की सबसे बड़ी चिंता यह रहती है कि समय के साथ उनकी पेंशन महंगाई के हिसाब से कम न हो जाए हर वेतन आयोग में पेंशन से जुड़ी नई व्यवस्था बनाई जाती है ताकि पुराने और नए पेंशनरों में अंतर न रहे उदाहरण के तौर पर 7वें वेतन आयोग में पेंशनरों को पे मैट्रिक्स के आधार पर फिट किया गया था और उनकी पेंशन की गणना ग्रेड पे तथा पे-बैंड के अनुसार की गई थी। इसी तरह आठवें वेतन आयोग में भी पुराने पेंशनरों की पेंशन नए फार्मूले से तय की जाएगी।

 एनपीएस, ओपीएस और यूपीएस पर क्या असर

नए वेतन आयोग की घोषणा के बाद कर्मचारियों के बीच यह चर्चा भी तेज हो गई है कि क्या पेंशन योजनाओं में भी बदलाव होगा। इस समय अधिकांश कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस में आते हैं। कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को लेकर आंदोलन चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस का विकल्प भी दिया है, जिसमें कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन मिलती है। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ इन योजनाओं में भी सुधार किए जा सकते हैं। जैसे कि एनपीएस में सरकार का योगदान बढ़ाना या कोई हाइब्रिड मॉडल लाना, जिससे फिक्स्ड पेंशन और लचीलापन दोनों मिल सकें।

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